सावन जीवन में हरियाली का प्रतीक है : डा. नम्रता आनंद
एकता का प्रतीक है सावन मिलन समारोह : डा. नम्रता आनंद
प्रकृति को समृद्ध बनाता है सावन का महीना : डा. नम्रता आनंद
पटना, सामाजिक संगठन दीदीजी फाउंडेशन ने हर्ष, उमंग और खुशी के साथ सावन मिलन समारोह मनाया।
राजधानी पटना के कुरथौल के राजपूताना स्थित फुलझड़ी गार्डन में दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापिका डा. नम्रता आनंद ने सावन की उमंग दीदीजी फाउंडेशन के संग कार्यक्रम का आयोजन किया।हरा परिधान, हरी चुडिया,मेहंदी आदि से सज धज कर,झूले पर बैठ कर कजरी एवं बज रहे सावन गीत के बीच पूरे हर्षोल्लास के साथ सावन मिलन कार्यक्रम मनाया गया। कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलित कर की गयी। इसके बाद स्वर्गीय फुलझड़ी देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मिसेज इंडिया कॉन्टिनेंट श्रीमती श्वेता झा, मिस पटना दिव्यांशी, आईग्लैम मिसेज बिहार फर्स्ट रनर अप स्वर्णलता शर्मा और मिस रॉयल स्टार इंडिया अलीशा मौजूद थी, जिन्हें फूलबुके और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने सावन गीतों पर जमकर मस्ती की। सावन गीतों के साथ ही कार्यक्रम में हरी साडियां पहन कर आई महिलाओं ने हरियाली बिखेरी। सावन के इन गीतों और महिलाओं के उत्साह ने सावन की मनमोहक छटां को पेश किया।हरे रंग के परिधान एवं श्रृंगार के साथ पहुंची महिलाओं के कारण पूरा आयोजन स्थल ही सावन की हरियाली सा प्रतीत हो रहा था। कार्यक्रम का संचालन डा. नम्रता आनंद, प्रेम कुमार, अखौरी योगेश कुमार ने किया।
इस अवसर पर डा. नम्रता आनंद ने कहा, सावन जीवन में हरियाली का प्रतीक है।सावन के महीने में हरा रंग पहनना शुभ माना जाता है।यह महीना सुहागिनों के लिए विशेष महत्व रखता है।सावन का महीना प्रकृति को समृद्ध बनाता है। सावन के मौसम में प्राकृतिक का मनोरम रूप देखने को मिलता है। इस मौसम में धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। सावन महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने से हर मनोकामनाएं पूरी होती है। भाग दौड़ भरी जिंदगी में कभी कभी अपने मनोरंजन के लिए भी वक्त निकालना चाहिए। सावन मिलन महोत्सव एकता का प्रतीक है। समाज की महिलाओं के मनोरंजन के लिए हम हर साल सावन मिलन समारोह का आयोजन करते हैं, जिसमें सभी महिलाएं इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
श्वेता झा ने कहा,सावन का महीना बहुत पवित्र महीना होता है. इस महीने में चारों तरफ हरियाली छा जाती है. निश्चित तौर पर उदास मन को कहीं ना कहीं खुशी मिलती है।
दिव्यांशी ने कहा, सावन मिलन कार्यक्रम के जरिए एक-दूसरे से भी मेल मिलाप हो जाता है. ऐसे कार्यक्रम हमें हमारी संस्कृति से जोड़ते हैं।
स्वर्णलता शर्मा ने कहा,सावन महीने में हरे रंग का बहुत महत्व होता है। सावन में महिलाएं और युवतियां हरे रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनती हैं। हरा रंग प्रेम, प्रसन्नता और खुशी की प्रतीक माना जाता है।
अलीशा ने कहा, महिलाएं सावन के महीने में हरे रंग का सिंगार करके भगवान और प्रकृति को धन्यवाद देती हैं।
सावन मिलन कार्यक्रम में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। नृत्य, संगीत, झूला का आनंद महिलाओं ने लिया।मौके पर गीत-संगीत के अलावा महिलाओं ने तरह-तरह के खेल का भी आनंद लिया। सावन में लग गयी आग, रिमझिम गिरे सावन, सावन का महीना पवन करे शोर, लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है,सावन में मोरनी बनकर मैं तो छम छम नाचूं आदि गीतों पर महिलाएं जम कर झूमीं। महिलाओं ने एक-दूसरे को सावन की शुभकामनाएं दी।सावन मिलन में सभी सदस्य महिलाएं हरे ड्रेस के साथ सावन क्वीन की प्रतियोगिता में शामिल हुई। रत्ना गांगुली सावन क्वीन बनी। वहीं श्रेया श्रीवास्तव और चंदा पहली और दूसरी रनर अप बनी। विजेताओं को क्राउन और गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर हर्षा म्यूजिकल ग्रुप के कलाकारों ने सावन गीत पर आधारित प्रस्तुति देकर समां बांध दिया। प्रस्तुति देने वाले कलाकारों में दिवाकर कुमार वर्मा, कुंदन तिवारी, रत्ना गांगुली, सुप्रिया सिन्हा, सुमिता सिन्हा, आनंद कुमार सिन्हा, प्रेम कुमार और डा. नम्रता आनंद शामिल रही। मौके पर दीदीजी फाउंडेशन संस्कारशाला के बच्चों ने भी मनमोहक प्रस्तुति दी। सभी महिलओं केा चूड़ी, बिंदी, मेंहदी, सिंदूर दिया गया।
इस अवसर पर मिथिलेश सिंह, मुकेश महान,रंजना कुमारी, लक्ष्मी सिन्हा, रंजीत प्रसाद सिन्हा, सुधीर मधुकर, चंदू प्रिंस, चेतन थिरानी, बसंत सिन्हा, अरविंद जी,निरंतरा हर्षा, नियति सौम्या, रंजीत ठाकुर, राजकुमार समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में सभी सभी कलाकारों और मीडिया बंधुओं को सम्मानित किया गया।