संगीत और योग जीवन का मूलभूत आधार
पटना 21 जून विश्व संगीत दिवस और विश्व योगा दिवस के अवसर पर संगीत गुरू
अभिषेक मिश्रा ,पार्श्वगायक कुमार संभव , जेनिथ कामर्स एकाडमी के
डायरेक्टर सुनील कुमार सिंह , रेड रती के डायरेक्टर मास्टर उज्जवल और और
फिटनेस एक्सपर्ट शिखा नरूला ने लोगों को बधाई एवं शुभकामना दी है।
हर वर्ष 21 जून को दुनियाभर में संगीत दिवस मनाया जाता है। संयोग से
इसी तारीख को योग दिवस भी होता है। विश्व संगीत दिवस के अवसर पर राजधानी
पटना के प्रतिष्ठित संगीत संस्थान परंपरा म्यूजिक कॉलेज के डायरेक्टर
अभिषेक मिश्रा ने लोगों को विश्व संगीत दिवस की बधाई देते हुये कहा कि
कोई एक चीज जो हमारे गम के माहौल को कुछ ही पल में खुशी में बदल सकती है।
वो है संगीत जिसे सुनते ही हम कई बार थिरकने लगते हैं तो वहीं कई बार
हमारी आंखें नम हो जाती हैं। संगीत हमारे दिलो-दिमाग को तरोताजा कर देता
है।हम कोई गीत न भी सुनें तो सुबह से लेकर रात तक प्रकृति हमें अपना
संगीत सुना रही होती है। सुबह मद्धिम हवाओं में भी एक संगीत होता है,
चिड़ियों की चहचहाहट, पेड़ों के पत्तों की सरसराहट प्रकृति का संगीत ही
तो है। फिर ढलती सांझ के अपने घोंसलों में लौटते पंछियों के चहकने में
हमें प्रकृति का संगीत ही तो सुनाई देता है।
जाने माने पार्श्वगायक कुमार संभव ने कहा कि संगीत हर किसी का मन मोह
सकता है। हर किसी को किसी न किसी तरह का संगीत पसंद होता ही है। संगीत की
खास बात है कि यह एक ऐसी चीज है जो हमें खुशी और गम दोनों में समान रूप
से रास आती है क्योंकि संगीत सुनते ही हम कई बार थिरकने लगते हैं तो वहीं
कई बार हमारी आंखें नम हो जाती हैं।संगीत एक ऐसा शब्द है जिस पर पूरी
दुनिया थिरकती है। संगीत वो है जो लोगों को लोगों से कनेक्ट करता है।
म्यूजिक से, खुशी का कोई भी मौका हो और भी खुशनुमां हो जाता है।
जेनिथ कामर्स एकाडेमी के डायरेक्टर सुनील कुमार सिंह ने लोगों को विश्व
संगीत दिवस और विश्व योगा दिवस की बधाई एवं शुभकामना देते हुये कहा कि
संगीत भी एक तरह का योग है। योग की ही तरह यह भी एक साधना है। संगीत हमें
खुश रखता है। हमारे मानसिक स्वास्थ्य के साथ शारीरिक स्वास्थ्य को भी ठीक
रखता है। भागदौड़ भरी जिंदगी में संगीत हमें सुकून पहुंचाता है। संगीत
अकेलेपन का भी साथी है। कई बार जीवन में जब हम तनाव या चिंता से गुजर रहे
हों तो संगीत हमें राहत पहुंचाता है और डिप्रेशन में जाने से बचाता है।
मानसिक शांति के लिए संगीत बहुत ही महत्वपूर्ण है।
रेड रती के डायरेक्टर मास्टर उज्जवल ने बताया कि संगीत किसी के लिए
आनंद तो किसी के लिए पूरा जीवन। कठिन समय में किसी के लिए जीने का हौसला
तो बुरे दौर में किसी की ताकत और राहत। संगीत किसी के लिए नवसृजन है तो
किसी के लिए अनुशासन। संगीत एक ऐसा माध्यम है, जो हमारे जीवन में कई मोड़
पर हमारी जरूरतें पूरी करता है। यह हमारी आत्मा का उन्नयन करता है और
शरीर की कई बीमारियों का इलाज भी करता है। हर राग जीवन से जुडा है और तन
मन तो स्वत: रागों में खो जाते हैं।
नरूलाज एंड कंपनी की डायरेक्टर और फिटनेस एक्सपर्ट शिखा नरूला ने
बताया कि योग से हम स्वस्थ्य रहते हैं उसी तरह हम संगीत से भी स्वस्थ्य
एवं प्रसन्न रहते हैं।संगीत और योग दोनों को साधना मानें तो अतिशयोक्ति
नहीं होगी। योग करने से मन शांत व शारीरिक स्वस्थता कायम रहती है। वहीं
संगीत से भी मानसिक तनाव नहीं आते और शरीर स्वस्थ रहता है।योग के माध्यम
से शरीर, मन और मस्तिष्क को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। तीनों
के स्वस्थ रहने से आप स्वयं को स्वस्थमहसूस करते हैं। योग के जरिए न
सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि इसे अपनाकर कई शारीरिक और
मानसिक तकलीफों को भी दूर किया जा सकता है।योग प्रतिरक्षा प्रणाली को
मजबूत बनाकर जीवन में नव-ऊर्जा का संचार करता है। योगा शरीर को शक्तिशाली
एवं लचीला बनाए रखता है साथ ही तनाव से भी छुटकारा दिलाता है जो रोजमर्रा
की जि़न्दगी के लिए आवश्यक है। योग आसन और मुद्राएं तन और मन दोनों को
क्रियाशील बनाए रखती हैं।