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राजकुमार शुक्ल को जातीय घेरे में नहीं बांधा जा सकता / उनकी विस्मृति एक सांस्कृतिक अपराध है हर वर्ष उनकी जयंती एवं पुण्य तिथि पर राजकीय समारोह हो
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राजकुमार शुक्ल को जातीय घेरे में नहीं बांधा जा सकता / उनकी विस्मृति एक सांस्कृतिक अपराध है हर वर्ष उनकी जयंती एवं पुण्य तिथि पर राजकीय समारोह हो
पटना 23 अगस्त अनुनय-विनय राष्ट्रपिता महात्मा गाधी को चंपारण लाने और स्वाधीनता का अलख जगाने वाले भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी पं० राजकुमार शुक्ल की 147 जयंती पर सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था पं० राजकुमार शुक्ल स्मारक न्यास के तत्वावधान में आज गांधी स्मारक संग्रहालय परिसर पटना में समारोहपूर्वक मनाई गयी।
गांधी स्मारक राजा पटना स्थित पर राजकुमार शुक्ल की प्रतिमा पर बिहार हिन्दी प्रगति समिति के अध्यक्ष कवि सत्यनारायण सहित दर्जनों लोगों ने माल्यार्पण किया। इस अवसर पर स्मृति सभा का भी आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता बिहार एक्युप्रेशर योग कॉलेज पटना के सचिव डॉ० अजय प्रकाश ने की कार्यक्रम का संचालन कमलनयन श्रीवास्तव ने किया। अतिथियों का स्वागत
राजेश राज ने तथा आभार ज्ञापन या शुक्ल के नाती सुमित वत्स ने किया। इस अवसर पर बिहार हिन्दी गीत के रचयिता कवि सत्यरायण ने कहा कि राजकुमार शुक्ल के प्रयास ने राष्ट्रीय स्वाधीनता की ईमारत खड़ी हुई। कालान्तर में राष्ट्रीय स्वाधीनता की दशा इसी से तय हुई। उन्होनें जीवन स्मारक बनाये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इतिहास से काटने की साजिश की जा रही है जो एक सांस्कृतिक अपराध है।
गांधी स्मारक संग्रहालय के संयुक्त सचिव वसी अहमद ने शुक्ल को भारतीय स्वाधीनता
संग्राम का अमर सेनानी बताया और गांधी जी अनन्य शिष्य बतलाया और कहा कि उनकी स्मृति रक्षा के लिए सरकार की ओर से पहल की जानी चाहिए।
अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार के महासचिव संदीप स्नेह ने कहा कि पं० राजकुमार शुक्ल के योगदान को विश्वव्यापी बनाने के लिए उनकी जन्मभूमि सतवरिया में एक संग्रहालय सह- पुस्तकालय खोलने तथा उनके घर तक सड़क बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने शुक्ल की जयंती एवं पुण्यतिथि पर राजकीय समारोह राजधानी पटना में आयोजित करने की माग सरकार से की। नई दिशा परिवार सचिव राजेश राज के ऐतिहासिक योगदान की चर्चा की।
उन्होंने कहा कि शुक्ल जी भारतीय स्वाधीनता संग्राम के नीव की इट हैं। क्रिएशन्स को महासचिव नीलीमा सिन्हा ने कहा कि साधारण किसान प० राज कुमार शुक्ल ने अपनी अन्तरात्मा की आवाज पर ही कांति की जमीन तैयार की उन्होंने राष्ट्रीय नेताओं को जातीय धेरे में बाँधे जाने के चल रहे प्रयासो की निंदा की। उन्होंने कहा कि शुक्ल जी जैसे महापुरूषों को जातीय घेरे में नहीं जाता शुक्ल जी ने अपने जीवन में किसी जाती विशेष के लिए कोई कार्य नहीं किया। में राष्ट्र के गौरव है,
समाजसेवी डॉ आनंद मोहन झा ने कहा कि संघर्ष की भट्टी में तपे राजकुमार शुक्ल के फौलादी संकल्प और गहरी अन्तदृष्टि ने गांधी को सही सही मान लिया था। शायद इसी कारण उन्होंने गांधी को पहले पत्र में ही ‘महात्मा’ कहकर संबोधित किया था कालान्तर में पूरे विश्व में गांधी महात्मा हा गये।
न्यास के महासचिव कमलनयन श्रीवास्तव ने शुक्ल को ‘भारतरत्न’ से अलंकृत करने उनकी स्मृति में स्मारक डाक टिकट जारी करने, उनकी जयंती एवं पुण्य तिथि पर राजधानी पटना में राजकीय समारोह आयोजित करने तथा स्व० शुक्ल की जन्म स्थली सतवरिया को ‘हेरिटेजगाव घोषित कर स्मारक द्वार बनाने भितिहरवा गांधी आश्रम में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने, ई तथा अस्पताल खोलने की मांग सरकार से की।
इस अवसर पर प्रेरणा की महासचिव नीता सिन्हा स्व० शुक्ल के परनाती सुमित वत्स प्रो० सुधा सिन्हा, प्रेम कुमार एस. एन शर्मा, अमित कुमार कवि मधु शरण, जय प्रकाश अन्नपूर्णा ने भी अपने विचार व्यक्त किए और शुक्लाजी के जीवन को प्रासंगिक बताया।

News Reporter
Sonu Nigam is Best & NO.1 PRO in Film Industry for Bhojpuri, Hindi & South Cinema, Sonu Nigam is the public relations officer (PRO) for Famous Actor and Acteress

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