प्रदीप पांडेय चिंटू ने लगाई बेस्ट एक्टर अवॉर्ड की हैट्रिक, तीन अवॉर्ड समारोह में छाए रहे चिंटू
भोजपुरी सुपर स्टार प्रदीप पांडेय के लिए इस साल का आगाज शानदार ढंग से हुआ, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी अदाकारी को बॉक्स ऑफिस के बाद अवॉर्ड समारोह में खूब सराहा जा सकता है। तभी 17वें भोजपुरी फिल्म अवॉर्ड में अवॉर्ड पा कर उन्होंने बेस्ट एक्टर अवॉर्ड की हैट्रिक लगा दी है। इससे पहले उन्हें अयोध्या में आयोजित भोजपुरी सिने अवॉर्ड में उन्हें बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया गया था, फिर 22 देशों के फिल्म जगत से जुड़े लोगों के बीच झारखंड इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी उन्हें बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया और भोजपुरी के सबसे पुराने फिल्म अवॉर्ड समारोह में भी यह सिलसिला जारी रहा और वे यहाँ भी बेस्ट एक्टर चुने गए। यूं कहें कि प्रदीप पांडेय चिंटू एक नहीं बल्कि तीन – तीन अवॉर्ड समारोह में छाए रहे।
चिंटू ने लगातार तीन बड़े – बड़े फिल्म अवॉर्ड समारोह में बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड लेकर एक रिकार्ड बना दिया है। चिंटू ने कहा कि ये अवॉर्ड जितने कलाकार, जो अपने काम के माध्यम से हर रोज लाखों लोगों का मनोरंजन कर रहे होते हैं, उनका सबसे बड़ा मंजिल यह अवॉर्ड है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी अवॉर्ड का मंच जब सजता है, तब हमारे भोजपुरी कलाकार, तकनीशियन, हमारा पूरा भोजपुरिया परिवार एक साथ एक मंच पर उपस्थित होता है, तब आप लोगों के कदम के धूल हमलोगों को आशीर्वाद देकर जाता है। मैं इस अवॉर्ड समारोह को 17 सालों से जिंदा रखने वाले विनोद गुप्ता का तहे दिल से शुक्रिया करता हूँ। उन्होंने हमेशा इसे बड़े स्तर पर आयोजित करने का प्रयास किया है।
चिंटू ने निरहुआ के सामने कहा कि यह अवॉर्ड सिर्फ मेरा नहीं है। ये वाकई दिनेश लाल यादव निरहुआ समेत मेरे सारे सीनियर एक्टर्स का है, क्योंकि मैं ने सबों से बहुत सीखा है। मेरे करियर की शुरुआत बाल कलाकार के रूप में दिनेश लाल यादव निरहुआ की फिल्म दीवाना से हुई थी। मैं इनको रोज देखता था, कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करता था। मैं हमेशा सभी कलाकारों को देख कर सीखने की कोशिश करता हूँ। बहुत से सुना है कि छोटा एक्टर – बड़ा एक्टर, लेकिन मुझे लगता है एक्टर सिर्फ एक्टर होता है। कोई छोटा – बड़ा नहीं होता है। उसका किरदार समय निर्धारित करता है। वो अपने हिसाब से परफॉर्म करता है। एक्शन से कट तक सेट पर 100 से अधिक लोगों की मेहनत चलती है, तब जाकर यह अवॉर्ड हाथ में आता है। इसलिए इस अवॉर्ड पर उन सब का हक है।