मिथिला दुग्ध उत्पादक संघ ने दूध विपणन का बनाया नया रिकॉर्ड
छठ के मौके पर 2 दिनों में 12 लाख लीटर से ज्यादा दूध की बिक्री
विशेष संवाददाता
समस्तीपुर |कम्फेड के अंतर्गत मिथिला दुग्ध संघ ने तथा उसकी सहायक डेयरियों ने बिहार को दूध उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मजबूत पहल करते हुए छठ के मौके पर 2 दिनों के अंदर 12 लाख लीटर से ज्यादा दूध का विपणन किया है जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है। बिक्री किए जाने वाले दूध की यह मात्रा कितनी ज्यादा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले साल तक छठ में 5 से 6 लाख लीटर दूध ही बिका करता था जो इस बार पिछली बार से 2 गुना से भी ज्यादा हो गया है। उल्लेखनीय है कि इस बार छठ पर कोरोना का भी आतंक कायम था ऐसी स्थिति में इतनी बड़ी उपलब्धि विशेष मायने रखती है। इस संबंध में समस्तीपुर डेयरी के प्रबंध निदेशक धर्मेन्द्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि खरना के 1 दिन पहले यानी 18 नवंबर को 4,76,8०5 लीटर दूध का विपणन किया गया था जबकि खरना के अगले दिन 19 नवंबर को 7,28,483 लीटर दूध का विपणन किया गया।। इस प्रकार इन 2 दिनों के अंदर 12०5288 लीटर दूध का विपणन किया गया। उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि आज से 5 साल पहले मिथिला दुग्ध संघ तीन से चार लाख लीटर ही दूध की आपूर्ति कर पाता था पिछले साल तक 6 लाख लीटर दूध का वितरण किया गया था। लेकिन इस बार विपणन में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए लगभग दोगुना लक्ष्य हासिल किया गया है। मिथिला दुग्ध संघ लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री श्रीवास्तव ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे कम्फेड की प्रबंध निदेशक श्रीमती शिखा श्रीवास्तव एवं महाप्रबंधक राजीव वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में बेहतर कार्य योजना और मिथिला दुग्ध संघ के दाधिकारियों और कर्मचारियों की मुस्तैदी मुख्य कारक रही। पहले से ही मांग का अंदाजा लगा लिया गया था और उसके अनुसार आपूर्ति करने की पूरी कार्ययोजना तैयार की गई थी। दूध का संग्रहण, उसका ट्रीटमेंट, पैकिग तथा समय पर बूथों पर पहुंचा दिया जाना, इन सबके लिए माइक्रो प्लान पहले से ही तैयार था जिसका नतीजा यह हुआ कि 2 दिनों में क्षमता से 2 गुना यानी 12 लाख से ज्यादा दूध ग्राहकों तक पहुंच गया। उन्होंने कहा कि वे इसके लिए मिथिला दुग्ध संघ के सभी पदाधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हैं जिन्होंने योजनाबद्ध तरीके से चुनौती को पूरा किया। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस उपलब्धि के पीछे उपभोक्ताओं का सुधा डेयरी के उत्पादों के प्रति विश्वास और भरोसा भी बेहद महत्वपूर्ण है। लोगों ने सुधा डेयरी और मिथिला दुग्ध संघ के उत्पादों पर भरोसा किया है और उसे अपना स्नेह दिया है जिसकी वजह से यह उपलब्धि हासिल की जा सकी। उन्होंने इसके लिए भी उपभोक्ताओं के प्रति आभार जताया उल्लेखनीय है कि मिथिला दुग्ध संघ समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी और बेतिया इलाकों में दूध और दूध से बने उत्पादन की आपूर्ति कर रहा है। इस की उपलब्धियां लगातार प्रशंसनीय बनी हुई है और कोरोना काल के दौरान भी पशु पालकों से दूध का संग्रहण करना, दूध की आपूर्ति मेंटेन करनाद्म जरूरतमंद लोगों तक लॉकडाउन के दौरान ही आपूर्ति चेन को घर-घर तक मेंटेन करना और किसानों को समय पर उनकी राशि का भुगतान करने के मामले में इस दुग्ध उत्पादक संघ ने काफी प्रशंसनीय भूमिका निभाई थी। इसी वजह से उपभोक्ताओं का विश्वास मिथिला दुग्ध संघ पर बढा।