महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर भजन संध्या
पटना, 03 अक्टूबर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 02 अक्टूबर पर अखिल भारतीय कायस्थ महासभा दिल्ली पंजीकृत कला संस्कृति प्रकोष्ठ बिहार के सौजन्य से भजन संध्या का आयोजन किया गया।
अखिल भारतीय कायस्थ महासभा, बिहार कला संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष देव कुमार लाल की अध्यक्षता एवं कायस्थ रत्न, जनता दल यूनाईटेड (जदयू) प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ,राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र श्रीवास्तव और राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर की देखरेख में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती 02 पर भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत सोमिल सिन्हा (बांसुरी वादक) ने रघुपति राघव राजा राम से की जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। इनके बाद सोमिल के पिता श्री समीर कुमार ने बांसुरी पर पायोजी मैंने राम रतन धन भजन बजाकर उसे महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री को समर्पित किया। इसके बाद संपन्नता वरुण ने ईश्वर अल्लाह तेरो नाम भजन सुनाया। कार्यक्रम के अगले चरण में उज्जवल अविनाश ने प्रसिद्ध भजन आज है 2 अक्टूबर का दिन सुनाया। कार्यक्रम के अंत में श्रीमती बरनाली विश्वास ने अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम और तेरी मिट्टी गाकर लोगों का दिल जीता। कलाकारों को धन्यवाद ज्ञापन कायस्थ रत्न जदयू प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने दिया।
जदयू प्रवक्ता श्री राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि सहस्त्राब्दियों के पश्चात गांधी जी एवं शास्त्री जी जैसी विभूतियां धरती पर अवतरित होती हैं।स्व लाल बहादुर शास्त्री ने दो कालखंडों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।जहां वह स्वाधीनता संग्राम में पहली कतार के योद्धा थे, वहीं स्वाधीन भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के रूप में उनके 19 माह का कार्यकाल अस्मिता स्वाभिमान, पराक्रम एवं दृढ़ निश्चय भारत का स्वर्णिम अध्याय है।ताशकंद में यदि उनका रहस्यमय परिस्थितियों में देहावसान नही होता तो वंशवाद का बीजारोपण भी असम्भव था। कार्यक्रम के दौरान श्री देव कुमार लाल ने बापू और शास्त्री जी के गुणों पर प्रकाश डाला।