कायस्थ समाज अपने स्वर्णिम इतिहास को एक बार फिर दोहराएगा : डा. नम्रता आनंद
कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से देश को नई दिशा प्रदान की है : डा. नम्रता आनंद
कायस्थ समाज को संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत : डा. नम्रता आनंद
पटना, 26 नवंबर ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) बिहार की प्रदेश अध्यक्ष डा. नम्रता आनंद ने कहा कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।
डा. नम्रता आनंद कहा कि कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है। कायस्थ जाति के लोग हमेशा से समाज का नेतृत्व करते रहें हैं। स्वामी विवेकानंद, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न‘ डॉ राजेन्द्र प्रसाद, पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जैसे कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने अपने नेतृत्व कौशल से इस देश को नई दिशा प्रदान की है लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिए पर जा रहा है। इसे देखते हुए हमें जागने की जरूरत है।
जीकेसी की प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जीकेसी संगठन का विस्तार दुनिया भर में है और इसके विस्तार के लिए कार्यक्रम के माध्यम से समाज को एकत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कायस्थ समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। मौजूदा राजनीतिक और समाजिक परिदृश्य में कायस्थ समाज की उपेक्षा की जा रही है। कायस्थ राजाओ, साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविष्मरणीय योगदान रहा है।उन्होंने कहा कि आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए। उन्होंने सभी को 19 दिसंबर को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी को आमंत्रित किया।