ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस की इंडिया एंड ओवरसीज इकाईयों की जनरल बॉडी की वर्चुअल मीटिंग संपन्न
पटना, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांतों को जीवन में आत्मसात करने और कायस्थ समाज के लोगों की एकजुटता और मजबूती के साथ काम करने पर जोर दिया और कहा कि ऐसा करने से जल्द ही हम अपने स्वर्णिम अध्याय और गौरवशाली अतीत
को पाकर विश्वपटल पर अपनी सशक्त पहचान बनाने में कामयाब हो जायेंगे।
जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजीव रंजन प्रसाद की अध्यक्षता में इंडिया एंड ओवरसीज इकाईयों की जनरल बॉडी की वर्चुअल मीटिंग संपन्न हुई। वर्चुअल मीटिंग की शुरूआत जीकेसी के राष्ट्रीय महाचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने अपने संबोधन भाषण से की, जिसमें उन्होंने जीकेसी की उपलब्धी और आागामी कार्यक्रम के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा की। वर्चुअल मीटिंग का शानदार संयोजन जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और कर्नाटक के प्रभारी आनंद कुमार सिन्हा ने किया। वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुये श्री राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के सात मूलभूत सिद्धांत सेवा, सहयोग, संप्रेषण,सरलता, समन्वय, सकारात्मकता और संवेदशनीलता को जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर को तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली में विश्वकायस्थ महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की तैयारी की नींव कायस्थ प्रगति मंच के सौजन्य से बदरपुर नई दिल्ली में रखी जा चुकी है। “दिल्ली चलो ” एक नारा नहीं बल्कि एक मिशन है और इसकी तैयारी के लिये जीकेसी टीम को मिलजुल कर अभी से तैयारी करने की जरूरत है। नयी दिल्ली में विश्व कायस्थ महासम्मेलन की तैयारी के लिये 100 से 150 मीटिंग
की जायेगी और कार्यक्रम को सफल बनाने की रूपरेखा तैयार की जायेगी। वहीं जीकेसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं ओवरसीज विंग के प्रभारी अखिलेश कुमार श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा लक्ष्य निर्धारित है और उसको पाने के लिए सेवा भाव से अपनी ऊर्जा को हमें संगठन में लगाना है और नेतृत्व का पूरा समर्थन करना है। उन्होंने जीकेसी के सातों मूल वचनों की विस्तृत जानकारी दी और उन्हें अपने जीवन में उतारने के लिए प्रेरित किया।बैठक के दौरान ओवरसीज विंग की अध्यक्ष नेहा निरुपम ने अपनी टीम के सदस्यों के साथ अपने विचार रखे।