ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस हुआ वैश्विक, नया लोगो हुआ लांच
पूरे विश्व में कायस्थ समाज की विशिष्ट पहचान : राजीव रंजन प्रसाद
कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास के लिये प्रतिबद्ध है ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस : राजीव रंजन प्रसाद
नयी दिल्ली 06 जून सांस्कृतिक, शैक्षणिक एवं सामाजिक उत्थान के लिए संकल्पित विश्वस्तरीय संगठन ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) अब ग्लोबल होने के साथ ही उसका बहुप्रतीक्षित नया लोगो लांच कर दिया गया है।
जीकेसी के सौजन्य से वर्चअल संगीतमय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। वर्चुअल कार्यक्रम को जीकेसी की राष्ट्रीय सचिव सुश्री प्रिया मल्लिक ने होस्ट किया। इस दौरान बहुप्रतीक्षित जीकेसी के नये आकर्षक लोगो का अनावरण जीकेसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने किया। श्री राजीव रंजन प्रसाद ग्लोबल अध्यक्ष भी बनाये गये हैं। इस अवसर पर राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के प्रारंभ से लेकर अभी तक के सफ़र को साझा किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में कायस्थ समाज की एक अलग पहचान है। ये कहीं भी कभी भी अपनी अलग छाप छोड़ते हैं। कायस्थ समाज एक बुद्धिजीवी वर्ग है जो हमेशा समाज को एक दूसरे से जोड़ने का काम करता हैं। उन्होंने कहा बहुत कम समय में हमारे संगठन का विस्तार ग्लोबली हुआ है।इस मंच के जरिये बहुत सारे सिम्पोजियम, वेबिनार एवं परामर्श के सत्र आयोजित किये गए हैं। जैसा कि संगठन के सात मूलाधार हैं और उसी को
ध्यान में रखते हुए जितने भी पदाधिकारी हैं वह ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं एवं कायस्थ समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कार्यरत हैं।
राजीव रंजन प्रसाद ने जीकेसी के विभिन्न प्रकोष्ठों को संयुक्त करते हुए कुछ ग्लोबल प्रकोष्ठों का गठन के बारे में जानकारी साझा की। नए ग्लोबल प्रकोष्ठों में डिजिटल एवं टेक्नोलॉजी,शिक्षा एवं ट्रेनिंग, लीगल एवं कॉरपोरेट, वित्तीय प्रकोष्ठों का गठन किया गया है। संगठन के ग्लोबल स्वरूप को साझा करते हुए राजीव रंजन ने कहा कि देश में पाँच ज़ोनल पदाधिकारी एवं ग्लोबल उपाध्यक्ष भी नियुक्त कर दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि आनंद सिन्हा को डिजिटल और तकनीकी विभाग का ग्लोबल अध्यक्ष बनाया गया है। वही निष्का रंजन को ग्लोबल सीएफओ, अवनीश श्रीवास्तव लीगल और कॉरपोरेट,दीपक कुमार वर्मा को शिक्षा और प्रशिक्षण प्रकोष्ठ, आलोक कुमार सिन्हा (यूएसए) को ग्लोबल उपाध्यक्ष , डा.राजय नारायण को ग्लोबल अध्यक्ष (यूरोप) सुशील श्रीवास्तव अध्यक्ष (नार्थ अमेरिका), ,सच्चिदानंद अखौरी को अध्यक्ष (आस्ट्रेलिया) बनाया गया है।इसके अलावा तीन कमिटी का गठन किया गया है
जिसमें ग्लोबल प्रेसिडेट ऑफिस, ग्लोबल एक्क्यूटिव काउंसिल और ग्लोबल अनुशसान समिति का भी गठन हुआ है। इसके साथ ही अंतराष्ट्रीय चैप्टर के अध्यक्ष भी नियुक्त किये गये है। संगीतमय वर्चुअल कार्यक्रम के दौरान प्रिया मल्लिक, मृणालिनी अखौरी, नितेश रमन, देव कुमार लाल, नवीन श्रीवास्तव, अनाहिता श्रीवास्तव, समीर कुमार सिन्हा और सौमिल सिन्हा ने प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वर्चुअल कार्यक्रम में जीकेसी की महिला शक्ति रितु खरे, प्रिया मल्लिक, डा. नम्रता आनंद, श्वेता सुमन, संपन्नता वरूण, मृणालिनी अखौरी ने शिरकत की। सभी लोगों ने संयुक्त स्वर में कहा कि जीकेसी अपने सात मूल सिद्धांतो को आत्मसात करने के साथ ही महिलाओं के संरक्षण के लिये प्रतिबद्ध है। जीकेसी में महिलाओं का सम्मान सर्वाच्च प्राथमिकता रही है।हम जीकेसी की विचारधारा और इसके सात मूल्यों के साथ हैं, क्योंकि हमें एक परिवार के रूप में व्यक्त करने और काम करने की पूरी स्वतंत्रता के साथ सम्मान मिलता है।
जीकेसी के लोगो के बारे में प्रकाश डालते हुये जीकेसी डिजिटल-संचार प्रकोष्ठ के ग्लोबल अध्यक्ष आनंद सिन्हा ने बताया जीकेसी के लोगों में 5 सी के साथ साथ अपने सप्तमुलाधार को भी सम्मिलित किया गया है।ग्लोब जो कि वैश्विक उपस्थिति के बारे में दर्शता है साथ ही कायस्थों की मूलभूत मूलभूत पहचान कलम एवं तलवार को के द्वारा प्रदर्शित किया गया है। उन्होने बताया कि इस प्रतीक चिन्ह (लोगो) को गहन चिंतन, मनन और विचार विमर्श करके बनाया गया है, इसमें विश्व न्यायधीश भगवान चित्रगुप्त जी महाराज की मनोहारी गोलाकार छवि संलग्न है। संगठन के पंच आधार स्तंभ क्रियेट, कनेक्ट, कमबाइन, कान्ट्रिब्यूट और चेंज और जी यानी ग्लोबल में समाहित है।कायस्थ परिवार जो अपनी आवश्यकता अनुसार विदेशों में जा तो बसे हैं लेकिन आज भी अपनी जड़ों से बंधे रहना चाहते है। जिनकी नजर में भारतीय संस्कृति और संस्कारों की आज भी अहमियत है।के का मतलब सम्पूर्ण का कायस्थ जाति का प्रतीक जिसमे कलम और तलवार विधिवत् सामंजस्य है। सी समर्पित कायस्थ भाइयों का समूह दर्शाता है। इस अवसर पर जीकेसी के सभी प्रकोष्ठो के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों ने जीकेसी के नये लोगों बनने की बधाई और शुभकामना दी है।