धूमधाम से मनाया जेनिथ कामर्स एकादमी का 18 वां स्थापना दिवस
पटना 22 सितंबर कामर्स के क्षेत्र में अग्रणी इंस्टीच्यूट जेनिथ कामर्स
एकादमी का 18वां स्थापना दिवस आज धूमधाम से मनाया गया जहां समाज के
अलग-अलग क्षेत्र में उललेखनीय योगदान देने वाले 15 लोगों को सम्मानित
किया गया।
राजधानी पटना के मोती महल डीलक्स में जेनिथ कामर्स एकादमी का 18
वां स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर भव्य सांस्कृतिक
कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें इंस्टीच्यूट के बच्चों ने डांस एवं
बेहतरीन गीत-संगीत पेश कर उपस्थित अभिभावक एवं अतिथियों का मन मोह
लिया।.इस अवसर पर मुख्य अतिथी के तौर पर एआई जी अरविंद ठाकुर तथा विशिष्ट
अतिथी के तौर पर समाज सेवी मधु मंजरी , आकांक्षा चित्रांश उपस्थित थी।कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ की गयी।
इसके बाद आगंतुक अतिथियों को सम्मानित किया गया।
जेनिथ के प्रबंध निदेशक सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आज उनके
इंस्टीच्यूट के स्थापना के 18 साल पूरे हो गये हैं। उन्होने बताया कि
बिहार में विभिन्न हिस्सों एवं क्षेत्रों में कई लोग अपने स्तर पर
निस्वार्थ भाव से निरंतर देश को आगे बढ़ाने में उल्लेखनीय योगदान दे रहे
हैं।उन्हीं लोगों को प्रोत्साहित करने के लिये उनकी संस्था की ओर से 15
लोगों को सम्मानित किया गया है। सम्मानित किये गये प्रमुख लोगों में
मोहम्मद शमशुद्दीन (शिक्षाविद), ब्रजेश वर्मा (समाजसेवी) , जॉनी सिंह मिस्टर इंडिया, अभिषेक मिश्रा
(संगीतज्ञ) ,कुमार संभव (गायक), सपना गोयल मिस पटना 2017 , मास्टर उज्जवल
(कोरियोग्राफर) , मिस पटना अनुष्का समेत अन्य शामिल हैं।
मुख्य अतिथी के तौर पर शिरकत करने आये अरविंद ठाकुर ने सुनील कुमार
सिंह को उनके इंस्टीच्यूट के 18 साल पूरे होने की बधाई दी।उन्होंने
छात्रों से शिक्षक और शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुये कहा कि समाज
को यदि अच्छा बनाना है तो समाज को अध्यापकों को सम्मान देना चाहिए।
वास्तव में अध्यापकों को सम्मान देकर अपने आपको सम्मानित करना है। एक
अध्यापक की गरिमा को शब्दो में बंधना कठिन है।उन्होंने कहा गुरु-शिष्य
परंपरा भारत की संस्कृति का एक अहम और पवित्र हिस्सा है। जीवन में
माता-पिता की कोई जगह नहीं ले सकता क्योंकि हमारे जीवन के सबसे पहले गुरु
हमारे माता पिता होते हैं लेकिन सही मार्ग पर चलने का रास्ता शिक्षक ही
सिखाते हैं। प्राचीन काल से ही भारत में गुरु और शिक्षक की परंपरा चली आ
रही है।
कार्यक्रम में विशिट अतिथी के तौर पर शिरकत करने आयी मधु मंजरी
आकांक्षा चित्रांश ने भी सुनील कुमार सिंह को बधाई एवं
शुभकामनायें दी। उन्होने कहा कि हमें प्रगतिशील और जिम्मेदार व्यक्ति
बनाने में हमारे शिक्षकों के प्रयासों को स्वीकारने और कड़ी मेहनत की
सराहना करना चाहिए। शिक्षक का भी दायित्व है कि वे बच्चों को ईमानदारी से
भविष्य संवारने का काम करे. अच्छी शिक्षा देकर एक जिम्मेदार नागरिक
बनाये।उन्होंने छात्रों को कड़ी मेहनत करके आगे बढ़ने के लिए प्रेरित
किया। शिक्षकों एवं विद्याíथयों को उनके आदर्श को आत्मसात कर स्वंय का
व्यक्तित्व निर्माण करना चाहिए।शिक्षकों को हमेशा सम्मान और प्रेम देना
चाहिए क्योंकि शिक्षक हमें सफलता के रास्ते पर भेजने की कोशिश करते
हैं।माता- पिता अपने बच्चों को प्यार करते हैं और देखभाल करते हैं लेकिन
शिक्षक हमें सफलता के मार्ग पर भेजने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि वह
अच्छी नौकारी प्राप्त कर सकें।
कायक्रम के दौरान कुमार संभव ने अपनी मधुर आवाज से
दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच का सफल संचालन मास्टर उज्जवल और
कुमार संभव ने किया।