भूमिका विहार द्वारा बेटियों के अधिकार एवं संरक्षण के मुद्दों पर I exist फिल्म का विमोचन
बेटियों के अधिकार और संरक्षण के लिए कार्यरत सामाजिक संगठम भूमिका विहार द्वारा 20 मार्च 2021 को होटल पनाश, पटना मे राज्य स्तरीय कार्यक्रम- [“Womanish 2021- Being woman is a Proud- क्यूंकी रंग और रूप मेरी पहचान नहीं”] का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उदघाटन माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री तारकिशोर प्रसाद जी, डॉ0 आलोक रंजन झा, माननीय मंत्री, कला संस्कृति विभाग, बिहार सरकार; श्री मिथलेश मिश्रा, जेल IG सह महानिदेशक- अभियोजन, बिहार सरकार, बिहार; नफीसा बिंटे शफीक, सीएफओ, यूनीसेफ की बिहार हेड, श्रीमति निशा झा, सलाहकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, [ भारत सरकार] CARA, एवं पूर्व अध्यक्ष, एस. सी. पी. सी. आर, बिहार; प्रो. वी. मुकुंदा दास, निर्देशक, सी.आई.एम.पी पटना; डॉ रत्ना अमृत, एनएसएस, कोर्डिनेटर, पटलिपुत्र यूनिवरसिटि; श्री रवि चंद्रा, क्षेत्रीय प्रबन्धक, एसबीआई; श्री सौरभ कुनाल, अधिवक्ता, सूप्रीम कोर्ट न्यू दिल्ली; एवं अन्य गणमान अतिथियों द्वारा किया गया ।
कार्यक्रम मे मुख्य रूप से “ आई एसिस्ट” नामक डॉक्युमेंट्री फिल्म का विमोचन किया गया जो मुख्यतः लोगो की दोहरी मानसिकता पर एक जवाब है की लड़कियों की उनके रंग- रूप, कद और काठी के आधार पर ही नहीं देखा जा सकता। फिल्म का निर्देशन तृषा सिंह, जो बिहार की बेटी है, उनके द्वारा किया गया है।
शिल्पी सिंह, निर्देशक, भूमिका विहार – ने बताया की “ I Exist” फिल्म के माध्यम लोगों को जागरूक करने की कोशिश की गई है की अगर कोई लड़की झूठी या जबरन विवाह के मकड़जाल शादी के जाल मे फंस जाती है तो उन्हे भी अपने जीवन को सम्मान के साथ दुबारा आरंभ करने का अधिकार है। इस फिल्म मे भूमिका विहार के दुर्गा जत्था की बेटियों ने पहली बार अभिनय किया है। वंचित समाज की ये बेटियाँ पुरुषवादी सोच और परंपरा को तोड़ अपने अस्तित्व के निर्माण हेतु अग्रसर है।
माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री तारकिशोर प्रसाद जी, ने कहा की बिहार मे प्रतिभा की कमी नहीं है, खासकर बिहार की बेटियाँ आज हर क्षेत्र मे अपने नाम का परचम लहरा रही है। माननीय मंत्री, कला संस्कृति विभाग, श्री आलोक रंजन ने बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच रखने की बात कही।
श्री मिथलेश मिश्रा, जेल IG सह महानिदेशक- अभियोजन, बिहार सरकार, बिहार; ने कहा की समाज की कुरीतियों को दूर करने की मुख्य जिम्मेवारी समाज के सभी लोगो को मिलकर करनी होगी ।
नफीसा बिंटे शफीक, सीएफओ, यूनीसेफ की बिहार हेड, बिहार, ने कहा की लड़कियों को बराबर का मौका मिलनी चाहिए ।
श्रीमति निशा झा, सलाहकार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, [ भारत सरकार] CARA, एवं पूर्व अध्यक्ष, एस. सी. पी. सी. आर, बिहार ने कहा की आज हम लोगों को अपने समाज में जाति – पाती से ऊपर उठकर अपने अधिकार के लिए काम करने वाले लोगो को चुनना होगा चाहे किसी भी तरह का चुनाव की बात हो ।
डॉ. रत्ना अमृत, एनएसएस, कोर्डिनेटर, पटलिपुत्र यूनिवरसिटि;
श्री रवि चंद्रा, क्षेत्रीय प्रबन्धक, एसबीआई;ने कहा की समाज की सेवा करने का कर्तव्य प्रसत्येक व्यक्ति की हैं चाहे वह किसी भी समुदाय से क्यों ना आते हों ।
श्री सौरभ कुनाल, अधिवक्ता, सूप्रीम कोर्ट न्यू दिल्ली; अनादि काल से भारत में महिलाओं को पूजा जाता रहा हैं क्योंकि यदि महिलाए चाहे तो वह किसी भी नामुमकिन चीज को मुमकिन कर सकती है चाहे वह कोइ भी क्षेत्र क्यों न हो ।
साथ ही भूमिका विहार द्वारा तैयार स्टडि रिपोर्ट- “Covid-19: A New Beginning -Assessment of Impact on Marginalized Women and Children of Bihar” का विमोचन भी किया गया। यह स्टडि रिपोर्ट महिलाओं खासकर बालिकाओं और बच्चो के जीवन मे कोरोना महामारी के प्रभाव को आँकने और समझने के लिए बिहार के 15 जिले- अररिया, कटिहार, भागलपुर, खगड़िया, सुपौल, सहरसा, बेगूसराय, दरभंगा, पुर्णिया, मुंगेर, समस्तीपुर, गया, किशनगंज, मुंगेर, बेतिया, के 31 प्रखण्ड, 56 पंचायत और 110 गाँव मे सर्वेक्षण किया गया।
साथ ही अतिथियों द्वारा बिहार के 38 जिले से युवा और युवतियों को विभिन्न क्षेत्रों मे खासकर उनके अपने जन्म और कर्म भूमि मे उनके द्वारा दिये गए सामाजिक योगदान हेतु “अरुण सम्मान” से सम्मानित किया गया।