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अर्थपूर्ण सिनेमा बनाना चाहते हैं अमित पॉल
पटना 21 जुलाई फिल्मकार अमित पॉल का कहना है कि फिल्म इंडस्ट्री में इन
दिनों बाजारवाद पूरी तरह से हावी हो गया है लेकिन इसके बावजूद अर्थपूर्ण
सिनेमा असंभव नहीं है।
बिहार की राजधानी पटना के दानापुर में जन्में अमित पॉल के पिता
स्वर्गीय आनंदी हाजरा रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी थे जबकि उनकी
मां श्रीमती शीला देवी गृहिणी हैं।अमित के माता-पिता घर के लाडले छोटे
बेटे अमित पॉल को सराकारी नौकरी में देखना चाहते थे हालांकि अमित की रूचि
कला की ओर थी। डासिंग स्टार मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा से प्रभावित होने
की वजह से अमित उन दिनों डांसर बनने का ख्वाब देखा करते। अमित
इंस्टीच्यूट में डांसिंग शिक्षक के तौर पर काम किया करते थे।अमित पॉल ने
अपनी प्रारंभिक शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई राजधानी पटना से पूरी की।
स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद आंखों में बड़े सपने लिये अमित पॉल
माया नगरी मुंबई आ गये। अमित पॉल ने इसके बाद एक कई कंपनियों में
एक्सक्यूटिव और सहायके के तौर पर काम किया।इस दौरान पिता के आकस्मिक
निधन ने अमित पॉल के घर की हालत खराब हो गयी लेकिन उन्होंने अपने सपने की
उड़ान के लिये मेहनत जारी रखी।वर्ष 2016 में अमित पॉल ने नौकरी छोडने का
निर्णय किया। उन्का यह निर्णय मदर टेरेसा के एक कहे गये एक बात पर आधारित
है जिसमें वह कहती हें यदि आपको सफलता चाहिये तो अपने कंफर्ट जोन से बाहर
निकलना होगा।
अमित पॉल ने वर्ष 2017 में शशिलाल वाडिया और इलियास साहब की प्रोडक्शन
कंपनी में सहायक के तौर पर काम किया। इस दौरान अमित पॉल ने डांसर और
बैकग्राउड डांसर के तौर पर काम किया। उनकी मुलाकात सेलेब्रिटी
कोरियोग्राफर भूषण काबंले से हुयी जिन्होंने उन्हें काफी सपोर्ट किया। इस
बीच अमित पॉल ने कई स्क्रिप्ट भी लिखी। वर्ष 2019 में अमित पॉल ने खुद की
प्रोडक्शन कंपनी फोनेक्स सिनेमा की नींव रखी जिसके बैनर तले वह इन दिनों
राजधानी पटना में अपनी आने वाली फिल्म पटना 12 की शूटिंग में व्यस्त हैं।
मनीष राज के निर्देशन में बन रही इस फिल्म में निहारिका कृष्णा अखौरी
,दीपक जैन , सौम्या,मोहाटेलाल कनौजिया और अजित सिंह ने मुख्य भूमिका
निभायी है।
किंग ऑफ रोमांस यश चोपड़ा और राकेश ओम प्रकाश मेहरा को आदर्श
मानने वाले अमित पॉल ने कहा बॉलीवुड में हर साल करीब 200 फिल्में बनायी
जाती है। इनमें कई फिल्में फिल्मों को पहचान भी मिलती है लेकिन अब यहां
के कई फिल्मकार सिनेमा की तरह यथार्थवादी कहानियों को बड़े पर्दे पर
उतारना चाहते हैं। वे निर्माण एवं प्रोद्योगिकी को भी बेहतर बनाना चाहते
हैं। पटना 12 के जरिये मैंने अथपूर्ण सिनेमा बनाने की कोशिश की है।अब
लोगों में गुणवत्तापूर्ण सामग्री के पति भूख बढ़ गई है। ईरानी सिनेमा को
उसकी यथार्थपूर्ण एवं गुणवत्तापूर्ण सामग्री के लिए जाना जाता है और हम
चाहते हैं कि हमारा बॉलवुड सिनेमा भी ईरान की तरह अच्छी कहानियां पेश
करे।