पार्श्वगायन के क्षेत्र में खास पहचान बना चुके हैं अमर आनंद
जाने माने पार्श्वगायक अमर आनंद ने पार्श्वगायन के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण पहचान बनायी है।उनकी ज़िन्दगी संघर्ष, चुनौतियों और कामयाबी का एक ऐसा सफ़रनामा है, जो अदम्य साहस का इतिहास बयां करता है।अमर आनंद ने अपने करियर के दौरान कई चुनौतियों का सामना किया और हर
मोर्चे पर कामयाबी का परचम लहराया।
महान साहित्यकार फनीश्वर नाथ रेणु की जन्मस्थली बिहार के अररिया जिले के रानीगंज थाना के लक्ष्मीपुर गीतवास गांव में वर्ष 1990 में जन्में अमरआनंद के पिता श्री जगदीश यादव जाने माने लोक कथाकार और गायक हैं। छह भाइयों में सबसे बड़े अमर आनंद को कला की शिक्षा विरासत में मिली। बचपनके दिनों से ही अमर आनंद का रूझान संगीत की ओर हो गया था। वह अक्सर स्कूल में होने वाले सांस्कृतिक कार्यकम में हिस्सा लिया करते जिसके लिये उन्हें काफी प्रशंसा मिला करती। उदित नारायण को अपना आदर्श मानने वाले अमर आनंद को वर्ष 1992 में छठ के अवसर पर अररिया जिला में लगे गीतवास मेला में पार्श्वगायन का अवसर मिला जिसने उनकी तकदीर बदल दी। हुआ कुछ यूं कि अमर गीतवास मेला देखने गये थे। गीतवास मेला के आयोजक दिलीप मंडल से अमर ने गाना गाने की इजाजत मांगी।
दिलीप मंडल , अमर की प्रतिभा को जानते थे और उन्होंने अमर को इसका अवसर
दिया। अमर आंनद ने गीतवास मेला में अपने लाजवाब पार्श्वगायन से लोगों को
मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके लिये उन्हें सम्मानित भी किया गया। इसके बाद
अमर की ख्वाति चारो ओर हो गयी।वर्ष 2004 में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अमर आनंद आंखो में बड़े सपने लिये राजधानी पटना आ गये। इसके बाद अमर आनंद ने बिहार , उत्तरप्रदेश ,झारखंड और पश्चिम बंगाल में कई मंचो परपार्श्वगायन किया जिसके लिये उन्हें काफी तारीफें मिली। वर्ष 2009 में अमर आनंद ने रियालिटी शोसुर संग्राम में शिरकत की हालांकि वह शो के विजेता नही बन सके लेकिन उपविजेता के तौर पर अपनी अलग पहचानबनाने में कामयाब हुये। वर्ष 2010 अमर आनंद के करियर के लिये सुनहरा वर्ष साबित हुआ। इस वर्ष उन्हें उनके आदर्श उदित नारायाण के साथ किसना कइलस कमाल में गोरी तेरे इश्क में मरजावां में पार्श्वगायन का अवसर मिला। इसी वर्ष वह नवरत्नसम्मान से भी नवाजे गये। वर्ष 2012 में अमर आनंद को दूरदर्शन के टेली फिल्म माटी के लाल में पार्श्वगायन करने का अवसर मिला जिसके लिये उन्हेंकाफी ख्याति मिली। अमर आनंद को बिहार कला सम्मान के अन्तर्गत विध्यवासिनी देवी युवा पुरस्कार और स्वामीविवेकानंद युवा पुरस्कार समेत कईराज्यस्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। अमर आनंद को हाल ही में भारत निर्वाचन आयोग ने अररिया जिला का ब्रांड अम्बेसडर बनाया है। अमर आनंद अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सभी लोग और शुभचिंतको के साथ ही अपनी मां स्वर्गीय रामवती देवी को देते हैं जिन्होंने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया।