युवाओं को छठ के प्रति जागरूक करने के लिए प्रदर्शित हुई “छठी मैया टहके सेनुरा हमार “
पटना : अलगोल फिल्म्स के बैनर तले बनी भोजपुरी वीडियो एल्बम
“छठी मैया टहके सेनुरा हमार ” 25 अक्टूबर को पूरे भारतवर्ष में रिलीज की गई । इस एल्बम की शूटिंग गुजरात के सूरत शहर के वरसाना के फार्म हाउस के खूबसूरत लोकेशन्स पर की गई है । इस एल्बम को भोजपुरी एवं हिंदी फिल्मों के जाने – माने संगीत निर्देशक अजय जयसवाल ने अपने मधुर संगीत से सजाया है । जबकि इंडियन आइडल फेम गायिका दीपाली सहाय व बॉलीवुड के पार्श्वगायक ऐश्वर्या निगम रंजन ने पहली बार इस एल्बम में छठ गीत गाकर इंडस्ट्री में अपनी एक अलग पहचान बनाने जा रहे है । इस छठ गीत को अपने खूबसूरत शब्दों से पिरोया है गीतकार डॉ. सागर ने । वहीं इस एल्बम को निर्देशित किया है स्वपनिल जयसवाल ने व इसका निर्माण किया है पीयूष जयसवाल ने।
एल्बम के संगीत निर्देशक अजय ने कहा कि इस एल्बम के निर्माण का उद्देश्य आज के युवा पीढ़ी को छठ जैसे महापर्व के प्रति जागरूक करना है। अभी तक हमारे घर के बुजुर्ग ही छठ करते आये हैं लेकिन जानकारी के आभाव के चलते युवा पीढ़ी इसे किस दिशा लेकर जाएगी ये नहीं पता । यह पर्व बहुत ही नियम और शुद्धता से किया जाता है इसीलिए आज के समय में हमें अपने घर के बहु – बेटी को इस महापर्व से अवगत कराना चाहिए, ताकि वो इसके महत्व को समझ कर अपने जनरेशन के लोगों को बता सकें। उन्होंने कहा कि यह पारंपरिक गीत पूरी तरह से नए रूप में लाया जा रहा है ।
वहीं गायक ऐश्वर्या निगम ने कहा कि इस एल्बम के माध्यम से मैंने पहली बार छठ गीत को गया है जिसे लेकर मैं काफी उत्साहित हूं। ऐश्वर्य ने कहा कि यह एल्बम युवा वर्ग को एक सशक्त संदेश देगा । उन्होंने लोगों से इस गीत को सुनने एवं ढेर सारा प्यार देने की अपील की ।
जबकि गायिका दीपाली ने कहा छठ जैसे पर्व को अब देश भर में मनाया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि हमारी छठ को विश्व भर में महत्त्वा मिले और ज्यादा से ज्यादा लीग इसके प्रति जागरूक हों, यही हमारा उद्देश्य है। दीपाली ने कहा कि शूटिंग के दौरान भी इस महापर्व हेतु पूरी शुद्धता का ध्यान रखा गया था। उन्होंने कहा कि मैं बिहार, यूपी, झारखंड के साथ गुजरात के लोगों का भी आभार व्यक्त करना चाहती हूं क्योंकि शूटिंग के दरम्यान उनलोगों ने हमारी काफी मदद की । दीपाली ने कहा कि छठ जैसे पर्व से हमारी बचपन की कई यादें जुड़ी हुई हैं और हम इसे हमेसा याद रखना चाहते हैं छठ को हर साल मानते हुए । दादी और माँ के बाद ये हमारी जिम्मेवारी है कि इस पर्व को हम आगे लेकर जाएं और इसे पूरे नियम और शुद्धता के साथ मनाये।